तनाव मुक्ति के उपाय
-
एक बार की गई गलती दुबारा न हो।
-
अपनी तुलना दूसरों के साथ न करें।
-
वर्तमान को श्रेष्ठ बनाने का पुरूषार्थ करें।
-
‘सबक’ सिखाने की मानसिकता का त्याग करें।
-
‘जैसे को तैसा’ जवाब, अन्तिम समाधान नहीं है।
-
बदला न लो स्वयं को बदलो।
-
जहाँ तक सम्भव हो सभी के सहयोगी बने रहें।
-
निंदा करने वाले को अपना मित्र मानें।
-
ईर्ष्या न करें, समता धारण करें।
-
अहंकार को त्यागो, विनम्रता धारण करो।
-
जिस परिस्थिति में आप परिवर्तन नहीं ला सकते, संयोग पर छोड़ दो।
-
चिंताएँ छोड़ो, मात्र चिंता से कोई समाधान नहीं होना है। संतोष धारण कर लो।
-
यदि मन स्वस्थ रहे तो सभी समस्याओं का समाधान अंतरस्फुरणा से हो जाता है।
“कहने की आवश्यकता नहीं कि मूढ़ता, अबूझ प्रतिस्पर्धा, प्रमाद, प्रतिशोध, द्वेष, निंदा, ईर्ष्या, अहंकार, अविवेक, और तृष्णा मन के रोग है। इन्हें दूर रखने से ही मन स्वस्थ रह सकता है और एक स्वस्थ मन ही तनावों से मुक्त होने में समर्थ हो सकता है।”
पसंद करें लोड हो रहा है...
Related
टैग: आत्मचिंतन, तनाव मुक्त
निहार रंजन
19/03/2013 at 10:15 पूर्वाह्न
अति सुन्दर विचार.
yashoda agrawal
19/03/2013 at 12:02 अपराह्न
आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 20/03/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
सदा
19/03/2013 at 1:13 अपराह्न
अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने इस प्रस्तुति … आभार
धीरेन्द्र सिंह भदौरिया
19/03/2013 at 1:34 अपराह्न
तनाव मुक्त रहने के लिए बेहतरीन उपाय बताने के लिये ,,,आभार..Recent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
Rajendra Kumar
19/03/2013 at 1:36 अपराह्न
बहुत ही सार्थक विचार हैं जिन पर अमल कर बहुत हद तक तनाव पर काबू पाया जा सकता है.
Kalipad "Prasad"
19/03/2013 at 4:29 अपराह्न
बहुत सुन्दर विचार latest post सद्वुद्धि और सद्भावना का प्रसारlatest postऋण उतार!
सुज्ञ
19/03/2013 at 4:51 अपराह्न
आपका यहां स्वागत और लिंक संकलन के लिए आभार!!
VICHAAR SHOONYA
19/03/2013 at 7:44 अपराह्न
हमेशा की तरह सुन्दर, सार्थक विचारों का संग्रह।
प्रवीण पाण्डेय
19/03/2013 at 9:27 अपराह्न
प्रभावी विचार..
सतीश सक्सेना
19/03/2013 at 9:34 अपराह्न
सारे अपना सकूं यही कोशिश रहेगी …
शिवम् मिश्रा
19/03/2013 at 10:21 अपराह्न
सार्थक पोस्ट !आज की ब्लॉग बुलेटिन होली तेरे रंग अनेक – ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !
सुज्ञ
20/03/2013 at 12:07 पूर्वाह्न
आभार!!शिवम् भाई!!
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
20/03/2013 at 12:11 पूर्वाह्न
उपाय अच्छे हैं लेकिन मनुष्य इन्हें व्यवहार में नहीं ला पाता.
डॉ. मोनिका शर्मा
20/03/2013 at 12:20 पूर्वाह्न
सारे बिंदु सटीक हैं…..
वाणी गीत
21/03/2013 at 8:53 पूर्वाह्न
सटीक उपाय है !
VIJAY SHINDE
21/03/2013 at 7:22 अपराह्न
आपके विचार पसंद आए। व्यवसायी होकर भी साहित्य इतिहास के साथ संबंध प्रशंसनिय है। नया क्या लिखा जा रहा है इसकी ओर भी आपका ध्यान रहता है।'तनाव मुक्ति के उपाय' बहुत अच्छे है। आज कल इसकी जरूरत पडती है।
सुज्ञ
21/03/2013 at 9:59 अपराह्न
आपका स्वागत है विजय जी, बस कुछ अपनी रूचियोँ को प्रतिपूर्ण करने का प्रयास है.इघ्नआप जैसे विद्वानोँ के सहयोग से अपनी यात्रा भी निर्विघ्न चल रही है. कुछ संतो की कृपा से,कुछ यहाँ वहाँ पढकर कुछ अनुभव ज्ञान से अर्जित जानकारी साझा कर लेते है.:)
ज्योति खरे
21/03/2013 at 10:50 अपराह्न
जीवन को सफल और सुंदर बनाने के लिये बहुत पारदर्शी होनापड़ता है,आपने यह पारदर्शिता का पाठ पढ़ाया है,बहुत सार्थक जानकारीका आभारआग्रह है मेरे ब्लॉग मैं भी सम्मलित होjyoti-khare.blogspot.in आभार आपका
संजय अनेजा
23/03/2013 at 7:31 पूर्वाह्न
सभी शिक्षायें मीठी भी हैं और गुणकारी भी, बस अपनानी थोड़ी मुश्किल हैं 🙂