- प्रस्तुत दृष्टांत का ध्येय क्या है?
- इस कथा का अन्तिम सार क्या है?
- विभिन्न प्रतीकों के मायने क्या है?
- क्या कोई और उदाहरण है जो इसका समानार्थी हो?
- यह दृष्टांत किस तरह के तथ्यों पर लागू किया जा सकता है?
विचार वेदना की गहराई
गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते हैं
दुनिया और ज़िंदगी के अलग-अलग पहलुओं पर हितेन्द्र अनंत की राय
पुरातत्व, मुद्राशास्त्र, इतिहास, यात्रा आदि पर Archaeology, Numismatics, History, Travel and so on
ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग। भदोही (पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत) में ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।
चरित्र विकास
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