RSS

Tag Archives: दरिद्र

कृपणता कैसी कैसी………

आस्था दरिद्र : जो सत्य पर भी कभी आस्थावान नहीं हो पाता।

त्याग दरिद्र : त्याग समर्थ होते हुए भी, जिससे कुछ नहीं छूटता।

दया दरिद्र : प्राणियों पर लेशमात्र भी अनुकम्पा नहीं करता।

संतोष दरिद्र : आवश्यकता पूर्ण होनें के बाद भी इच्छा तृप्त नहीं हो पाता।

वचन दरिद्र : जिव्हा पर कभी भी मधुर वचन नहीं ला पाता।

विवेक दरिद्र : बुद्धि होते हुए भी विवेक का उपयोग नहीं कर पाता।

मनुजता दरिद्र : मानव बनकर भी जो पशुतुल्य तृष्णाओं से मुक्त नहीं हो पाता।

धन दरिद्र : जिसके पास न्यून भी धन नहीं होता।

उपकार दरिद्र : कृतघ्न, उपकारी के प्रति आभार भी प्रकट नहीं कर पाता।

  • पाकर गुण दौलत असीम, मानव दरिद्र क्यों रह जाता?

 

 

टैग: , , , , , , ,

दरिद्र

आस्था दरिद्र : जो सत्य पर भी कभी आस्थावान नहीं होता।
त्याग दरिद्र :  समर्थ होते हुए भी, जिससे कुछ नहीं छूटता।
दया दरिद्र :   प्राणियों पर लेशमात्र भी अनुकम्पा नहीं करता।
संतोष दरिद्र : आवश्यकता पूर्ण होनें के बाद भी इच्छाएँ तृप्त नहीं होती।
वचन दरिद्र :  जिव्हा पर कभी भी मधुर वचन नहीं होते।
मनुज दरिद्र :  मानव बनकर भी जो पशुतुल्य तृष्णाओं से मुक्त नहीं हो पाता।
धन दरिद्र :    जिसके पास अल्प धन भी नहीं होता।
और भी दरिद्र हो सकते है, आप बताईए………?
__________________________________ 
 

टैग: ,

 
गहराना

विचार वेदना की गहराई

॥दस्तक॥

गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते हैं

दृष्टिकोण

दुनिया और ज़िंदगी के अलग-अलग पहलुओं पर हितेन्द्र अनंत की राय

मल्हार Malhar

पुरातत्व, मुद्राशास्त्र, इतिहास, यात्रा आदि पर Archaeology, Numismatics, History, Travel and so on

मानसिक हलचल

ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग। भदोही (पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत) में ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।

सुज्ञ

चरित्र विकास

WordPress.com

WordPress.com is the best place for your personal blog or business site.

हिंदीज़ेन : HindiZen

जीवन में सफलता, समृद्धि, संतुष्टि और शांति स्थापित करने के मंत्र और ज्ञान-विज्ञान की जानकारी

WordPress.com News

The latest news on WordPress.com and the WordPress community.