- प्रशंसा
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- कषाय
- सदभावना
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- समाधि
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विचार वेदना की गहराई
गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते हैं
दुनिया और ज़िंदगी के अलग-अलग पहलुओं पर हितेन्द्र अनंत की राय
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प्रयागराज और वाराणसी के बीच गंगा नदी के समीप ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।
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सदा
13/07/2011 at 5:08 अपराह्न
बहुत ही उत्तम बात कही आपने … आभार ।
रश्मि प्रभा...
13/07/2011 at 5:12 अपराह्न
vichaaron ka adbhut tej
Global Agrawal
13/07/2011 at 5:30 अपराह्न
सबसे पहले तो धन्यवाद….. क्योंकि जिस आकर्षक ढंग से आपने इस सारगर्भित पोस्ट को तैयार किया है उससे चित्त प्रसन्न हो गया ….पढने से पहले ही 🙂
Global Agrawal
13/07/2011 at 5:45 अपराह्न
चारों फंडे एक साथ उठा कर दिमाग की अलमारी में रख लिए हैं 🙂 जो दिल को छू गया वो है लास्ट वाला"पूर्ण विवेक से निर्णय करने के उपरांत भी यदि परिणाम प्रतिकूल आ जाय ऐसी विपरित परिस्थिति में भी उसका विरोध करने के बजाय यदि मन को समझाना आ जाय तो समाधि सम्भव है।"जरूरत पड़ने पर दिमाग में स्टोर फंडे मन में लोड कर लेने चाहिए जैसे हार्ड डिस्क में स्टोर डेटा रेम(random access memory) में लोड होता है 🙂
सुज्ञ
13/07/2011 at 5:51 अपराह्न
गौरव जी,बार बार मन को फीड किए गए डाटा, अन्ततः मन को प्रोग्रामिंग करते ही है। बस ध्यान मात्र इतना रखना है कि डाटा सार्थक हो, प्रोग्राम सुदृढ सुरूचिप्रद होगा। इसमें एंटी-वायरस का स्ट्रांग फीचर होगा।
रविकर
13/07/2011 at 6:14 अपराह्न
सादर प्रणाम ||करणीय ||
Vivek Jain
13/07/2011 at 6:14 अपराह्न
बहुत सुंदर विचार,आभार, विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
Global Agrawal
13/07/2011 at 6:16 अपराह्न
बस ध्यान मात्र इतना रखना है कि डाटा सार्थक हो, प्रोग्राम सुदृढ सुरूचिप्रद होगा। इसमें एंटी-वायरस का स्ट्रांग फीचर होगा।हमेशा ध्यान रखा जाएगा 🙂 इस बात को तो रेम में ही लोड कर लिया है 🙂
अमित शर्मा
13/07/2011 at 6:16 अपराह्न
यह चार अक्षय-मौक्तिक जीवन माला के सुमेरु हैं ………….आभार !
शिखा कौशिक
13/07/2011 at 6:24 अपराह्न
charon moti jeevan ko sarthak kar dete hain .aabhar
JC
13/07/2011 at 7:10 अपराह्न
अत्यंत सुन्दर विचार!
Deepak Saini
13/07/2011 at 7:37 अपराह्न
सुन्दर एवं प्रेरक विचार आपका आभार इन प्रेरणा दायक विचारों को हमतक पहुचने के लिए
Roshi
13/07/2011 at 9:38 अपराह्न
prerna deta adbhut vichar…..
Kunwar Kusumesh
13/07/2011 at 10:28 अपराह्न
वाह,प्रेरक कोटेशन्स.
चला बिहारी ब्लॉगर बनने
14/07/2011 at 12:13 पूर्वाह्न
सुज्ञ जी!चौथी मनोदशा से गुजार रहा था.. आपके इस मुक्ता के प्रकाश ने आलोकित कर दिया.. समाधि की नहीं जानता, किन्तु शान्ति अवश्य मिली है!!
अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)
14/07/2011 at 12:24 पूर्वाह्न
सुखी जीवन की चार राहें.
सुज्ञ
14/07/2011 at 8:55 पूर्वाह्न
सलिल जी,वस्तुतः तो आप स्वयं सरलमना है। ॠजुप्राज्ञ है। अच्छे विचार यदि किसी एक को क्षण भर भी शान्ति देने में समर्थ होते है तो प्रयास सर्वोत्तम सफल है। चित्त की शान्ति ही तो सही अर्थों में समाधि है।
सदा
14/07/2011 at 12:40 अपराह्न
प्रेरणात्मक प्रस्तुति ।
दिगम्बर नासवा
14/07/2011 at 12:41 अपराह्न
चारों सूक्तियां जीवन में सुख और आनंद ला सकती हैं … पर जीवन मिएँ लागू कर पाना बहुत अभ्यास मांगता है …
ZEAL
14/07/2011 at 4:40 अपराह्न
अनमोल वचन !संग्रहणीय पोस्ट
मनोज भारती
15/07/2011 at 12:34 अपराह्न
प्रशंसा,कषाय,सद्-भावना और समाधि को बहुत ही सुंदर ढ़ग से बताने की कोशिश सफल रही ।
Global Agrawal
15/07/2011 at 12:45 अपराह्न
सुज्ञ जी, ये पढ़िए…..भगवद गीता श्रृंखला की एक कड़ी है http://ret-ke-mahal-hindi.blogspot.com/2011/07/blog-post_14.html
Er. Diwas Dinesh Gaur
15/07/2011 at 2:39 अपराह्न
सच में अनमोल वचन, चारों शब्दों की सुन्दर व्याख्या|चारों शब्दों को सहेज कर रख लिया है| बड़े काम के शब्द हैं ये|
Global Agrawal
15/07/2011 at 2:53 अपराह्न
गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी मित्रों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ
Jyoti Mishra
15/07/2011 at 3:17 अपराह्न
cherishing thoughts… Each words speaks a lot in itself.Regards
रजनीश तिवारी
15/07/2011 at 9:41 अपराह्न
bahut hi achchhi baaten !
Smart Indian - स्मार्ट इंडियन
16/07/2011 at 4:08 पूर्वाह्न
सुन्दर विचार, आभार!
अनुपमा त्रिपाठी...
16/07/2011 at 2:47 अपराह्न
आपकी किसी पोस्ट की चर्चा शनिवार (१६-०७-११)को नयी-पुरानी हलचल पर होगी |कृपया आयें और अपने विचार दें |आभार.
रेखा
17/07/2011 at 6:49 अपराह्न
सारे विचार अति उत्तम है …..पढ़ने का अवसर देने के लिए आभार
Rakesh Kumar
20/07/2011 at 5:00 अपराह्न
अति उत्तम और प्रेरक विचार.चारों ही अनमोल मोती हैं.मनन व अनुसरण करने से अंत;करण को प्रकाशित करने वाले है.बहुत बहुत आभार सुज्ञ जी.