विचार वेदना की गहराई
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मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में ग्रामीण जीवन जी रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर। वैसे; ट्रेन के सैलून को छोड़ने के बाद गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलने में कठिनाई नहीं हुई। 😊
चरित्र विकास
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चला बिहारी ब्लॉगर बनने
01/01/2011 at 8:06 अपराह्न
उत्तम, अतिउत्तम!!
deepak saini
01/01/2011 at 8:39 अपराह्न
बहुत कठिन काम है। नव वर्ष की शुभकामनाये
मनोज कुमार
01/01/2011 at 8:44 अपराह्न
सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु।सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु॥सब लोग कठिनाइयों को पार करें। सब लोग कल्याण को देखें। सब लोग अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त करें। सब लोग सर्वत्र आनन्दित होंसर्वSपि सुखिनः संतु सर्वे संतु निरामयाः।सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्॥सभी सुखी हों। सब नीरोग हों। सब मंगलों का दर्शन करें। कोई भी दुखी न हो।बहुत अच्छी प्रस्तुति। नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं!साल ग्यारह आ गया है!
Gourav Agrawal
01/01/2011 at 8:55 अपराह्न
@सुज्ञ जी सबसे पहले तो आपको और आपके सभी पाठकों को नववर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएँ … मेरी ईश्वर से प्रार्थना है की आप सभी के लिए यह वर्ष भी मंगलमय एवं सुखकारी हो
Gourav Agrawal
01/01/2011 at 9:00 अपराह्न
@उस स्थिति में चित को स्थिर करने का पुरूषार्थी चिंतन ही सद्भाव कहलाता है।बेहद सुन्दर और शिक्षाप्रद .. हमेशा की तरह [एक जिज्ञासा भी है] क्या "आत्मा" के स्थान पर "मन" या "मति" होना चाहिए ?
सुज्ञ
01/01/2011 at 9:03 अपराह्न
गौरव जी,मन तो निरंकुश है, आत्मा उसकी सारथी है। पुरुषार्थ आत्मा के लिये ही सम्भव है।
Gourav Agrawal
01/01/2011 at 9:14 अपराह्न
मन तो निरंकुश है, आत्मा उसकी सारथी है। पुरुषार्थ आत्मा के लिये ही सम्भव है @सुज्ञ जी, वाह ..कितनी सरलता से समाधान कर दिया आपने .. अब इस पोस्ट को पढने के पूर्ण आनन्द का अनुभव हुआ … बहुत बहुत आभार आपका
ZEAL
01/01/2011 at 9:21 अपराह्न
सार्थक चिंतन !
Akhtar Khan Akela
01/01/2011 at 9:22 अपराह्न
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संजय भास्कर
01/01/2011 at 9:45 अपराह्न
आप को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये ..आपका जीवन ध्येय निरंतर वर्द्धमान होकर उत्कर्ष लक्ष्यों को प्राप्त करे….
भारतीय नागरिक - Indian Citizen
01/01/2011 at 10:57 अपराह्न
बहुत खूब..
Kunwar Kusumesh
01/01/2011 at 10:58 अपराह्न
सदविचार है.
संगीता स्वरुप ( गीत )
02/01/2011 at 12:23 पूर्वाह्न
उत्तम विचार ..
दिगम्बर नासवा
03/01/2011 at 5:16 अपराह्न
सुन्दर और शिक्षाप्रद सदविचार … .आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो …