मानव जब गहराई से चिंतन करता है तो भ्रम व यथार्थ में अन्तर स्पष्ट होने लगता है।
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मानव जब गहराई से चिंतन करता है तो भ्रम व यथार्थ में अन्तर स्पष्ट होने लगता है।
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विचार वेदना की गहराई
गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते हैं
हितेन्द्र अनंत का दृष्टिकोण
पुरातत्व, मुद्राशास्त्र, इतिहास, यात्रा आदि पर Archaeology, Numismatics, History, Travel and so on
मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में ग्रामीण जीवन जी रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर। वैसे; ट्रेन के सैलून को छोड़ने के बाद गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलने में कठिनाई नहीं हुई। 😊
चरित्र विकास
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जीवन में सफलता, समृद्धि, संतुष्टि और शांति स्थापित करने के मंत्र और ज्ञान-विज्ञान की जानकारी
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sanjay
23/11/2010 at 10:13 पूर्वाह्न
ytharth chintan……sadar
सुज्ञ
23/11/2010 at 1:29 अपराह्न
आभार, संजय,आपका आना अच्छा लगा!प्रतिक्रिया के लिये आभार।