विचार वेदना की गहराई
गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते हैं
दुनिया और ज़िंदगी के अलग-अलग पहलुओं पर हितेन्द्र अनंत की राय
पुरातत्व, मुद्राशास्त्र, इतिहास, यात्रा आदि पर Archaeology, Numismatics, History, Travel and so on
ज्ञानदत्त पाण्डेय का ब्लॉग। भदोही (पूर्वी उत्तर प्रदेश, भारत) में ग्रामीण जीवन। रेलवे के मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर अफसर। रेल के सैलून से उतर गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलता व्यक्ति।
चरित्र विकास
WordPress.com is the best place for your personal blog or business site.
जीवन में सफलता, समृद्धि, संतुष्टि और शांति स्थापित करने के मंत्र और ज्ञान-विज्ञान की जानकारी
The latest news on WordPress.com and the WordPress community.
M VERMA
30/10/2010 at 5:23 अपराह्न
भोग के बाद रोग ही मिलेगा
ZEAL
30/10/2010 at 5:33 अपराह्न
.लड़कपन खेल में खोया,जवानी भर मैं खूब सोया।बुढ़ापा देख कर रोया.
सलीम ख़ान
30/10/2010 at 5:34 अपराह्न
YAQEENANलड़कपन खेल में खोया,जवानी भर मैं खूब सोया।बुढ़ापा देख कर रोया!
Arvind Mishra
30/10/2010 at 6:58 अपराह्न
आपकी उम्र क्या है अभी ?
सुज्ञ
30/10/2010 at 7:42 अपराह्न
अरविंद जी,अन्तिम छंद 🙂
mohinuddin
31/10/2010 at 1:33 अपराह्न
bhut khub mzaa aa gyaa.
संजय भास्कर
01/11/2010 at 1:40 अपराह्न
बहुत रोचक ..उम्दा रचना
Archana
03/11/2010 at 2:49 अपराह्न
बहुत ही बढिया…रिकार्ड कर लिया है…